


उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे हरिद्वार और आसपास के इलाकों में खतरे की स्थिति बन गई है। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सख्त कदम उठाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।
डीएम को मिले सख्त निर्देश, आपातकालीन कार्रवाई के लिए तैयारियां
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के ड्यूटी ऑफिसर, दिनेश कुमार पुनेठा ने हरिद्वार के जिलाधिकारी को तुरंत आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पत्र में यह भी कहा कि किसी भी आपदा या दुर्घटना की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जाए और आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय रखा जाए।
आपातकालीन सेवाओं और प्रशासन की तैयारियां
पुलिस और प्रशासन की सभी इकाइयों को आपातकालीन उपकरणों, वायरलेस सेट्स और अन्य जरूरी सामग्री के साथ हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा, अधिकारी और कर्मचारी अपनी गाड़ियों में बरसाती, टॉर्च, हेलमेट, छाता और अन्य जरूरी सामान रखने के निर्देश प्राप्त कर चुके हैं। आपातकालीन राहत और बचाव कार्यों के लिए भी टीमों को तैनात किया गया है।
लोगों के लिए चेतावनी: नदी किनारे न जाने की सलाह
प्रशासन ने लोगों से गंगा घाटों और नदी किनारे न जाने की अपील की है। हरिद्वार पुलिस सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार लोगों को इस बारे में सावधान कर रही है। पर्यटकों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जाने से रोका जा रहा है, जबकि नालियों और पुलों की रुकावट को दूर करने का काम भी चल रहा है।
सामाजिक सुरक्षा उपायों पर ध्यान
प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी व्यक्ति के फंसने की स्थिति में खाने-पीने और चिकित्सा सुविधाओं का उचित प्रबंध किया जाए। साथ ही, सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्यों में लापरवाही न बरतें और क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बनाए रखें।
निष्कर्ष
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी और भारी बारिश की वजह से हरिद्वार में खतरे का स्तर बढ़ गया है। प्रशासन और पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी जरूरी उपाय किए हैं, ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके। लोगों को सावधान रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी जा रही है।